700 लोगों को आईएस से जोड़ चुका था फतेहपुर का जमील
बेटे—बेटी का पासपोर्ट बनाने के लिए फतेहपुर आया था जमील
पुस्तैनी मकान से पकड़ा एटीएस ने, शुरू से ही तेज तर्रार था जमील
आंतकी संगठन आईएस को करता था फंड़िग, कार्रवाई की मौहल्ले वासियों को भी नहीं जानकारी
फतेहपुर.इराक सीरिया में आईएस से जुड़े आतंकी संगठनों को पिछले दो साल से पैसे मुहैया करा रहे जमील अहमद को एटीएस ने सीकर के फतेहपुर से गिरफ्तार कर लिया। वह पिछले दो साल में इन संगठनों को 15 लाख रु. से ज्यादा की राशि उपलब्ध करा चुका है।
जमील मूलत: फतेहपुर का रहने वाला है। वह 13 साल से दुबई रह रहा है। वह 15 दिन पहले ही भारत लौटा था। इसके बाद फतेहपुर आया था। जमील वर्ष 2014 में सोशल मीडिया के जरिए आईएस के संपर्क में आया था। इसके बाद वह मनी एक्सचेंज कंपनियों के जरिये हर तीन माह में एक बार उन तक रकम पहुंचाता था। जमील अब तक भारत बांग्लादेश के 700 से ज्यादा युवक-युवतियाें को आईएस के लिए काम करने के लिए जोड़ चुका है। एटीएस ने एनआईए, आईबी अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सूचना दे दी है। एटीएस की जांच में सामने आया है कि जमील सीरिया, इराक बांग्लादेश सहित कई इस्लामिक देशों के लोगों से इंटरनेट के जरिये जुड़ा हुआ है। वह चैटिंग करता था और आईएसआईएस की गतिविधियों पर बातचीत प्रसारित-प्रचारित करता था। एटीएस ने उसका लैपटॉप मोबाइल जब्त कर लिया। वह सोशल साइट पर युवाओं को भड़का कर आईएस में शामिल करता था। जमील 13 साल से दुबई में रह रहा है और उसका परिवार मुंबई में रहता है। वह दुबई की एक कंपनी में असिसटेंट फाइनेंस मैनेजर है। वर्ष 2014 में जमील का फेसबुक के जरिये इराक सीरिया के कुछ आतंकियों से संपर्क हुआ।
एटीएस के हत्थे चढ़े फतेहपुर के जमील अहमद का जन्म 40 साल पहले कुवैत में हुआ था। उसके माता-पिता वहीं रहते थे और उसकी प्राथमिक शिक्षा भी वहीं हुई। इराक-कुवैत युद्ध के दरान उसका परिवार फतेहपुर लौटा। इंडिया न्यूज की पड़ताल में सामने आया है कि जमील करीब 13 साल पहले दुबई चला गया। वहां वह एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में जॉब करता था। इस दौरान उसका संपर्क कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के आतंकियों से हुआ। वह आईएसआईएस के लिए फाइनेंस का काम संभालता था। लेबनान और तुर्की सहित कई देशों में आईएसआईएस के आतंकियों को उसने 20 से भी ज्यादा बार रुपए भिजवाए। जमील ने इग्नू से ग्रेजुएशन की और सीकर फतेहपुर से कंप्यूटर की बेसिक जानकारी ली। वह शुरू से ही तेज-तर्रार था।
जानकारी के अनुसार जमील का ससुराल भी फतेहपुर में है, लेकिन ससुराल के लोग महाराष्ट्र के धानू में रहते हैं। जमील की बीवी और चार बच्चे भी वहीं रहते हैं। जमील का ननिहाल भी फतेहपुर में ही है। बताया जा रहा है कि वह अपने बेटे-बेटियों का पासपोर्ट बनवाने के सिलसिले में ही 15 दिन पहले धानू से फतेहपुर आया था। जमील को जानने वालों का कहना है कि वह कभी-कभार ही फतेहपुर आता है। इस दौरान भी वह ज्यादा लोगों से मेलजोल नहीं रखता।
स्थानीय लोगोें का कहना है कि जमील ऐसा लगता नहीं था, वह लोगों के बीच कम ही उठता बैठता था।
पुस्तैनी मकान से पकड़ा एटीएस ने, शुरू से ही तेज तर्रार था जमील
आंतकी संगठन आईएस को करता था फंड़िग, कार्रवाई की मौहल्ले वासियों को भी नहीं जानकारी
फतेहपुर.इराक सीरिया में आईएस से जुड़े आतंकी संगठनों को पिछले दो साल से पैसे मुहैया करा रहे जमील अहमद को एटीएस ने सीकर के फतेहपुर से गिरफ्तार कर लिया। वह पिछले दो साल में इन संगठनों को 15 लाख रु. से ज्यादा की राशि उपलब्ध करा चुका है।
जमील मूलत: फतेहपुर का रहने वाला है। वह 13 साल से दुबई रह रहा है। वह 15 दिन पहले ही भारत लौटा था। इसके बाद फतेहपुर आया था। जमील वर्ष 2014 में सोशल मीडिया के जरिए आईएस के संपर्क में आया था। इसके बाद वह मनी एक्सचेंज कंपनियों के जरिये हर तीन माह में एक बार उन तक रकम पहुंचाता था। जमील अब तक भारत बांग्लादेश के 700 से ज्यादा युवक-युवतियाें को आईएस के लिए काम करने के लिए जोड़ चुका है। एटीएस ने एनआईए, आईबी अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सूचना दे दी है। एटीएस की जांच में सामने आया है कि जमील सीरिया, इराक बांग्लादेश सहित कई इस्लामिक देशों के लोगों से इंटरनेट के जरिये जुड़ा हुआ है। वह चैटिंग करता था और आईएसआईएस की गतिविधियों पर बातचीत प्रसारित-प्रचारित करता था। एटीएस ने उसका लैपटॉप मोबाइल जब्त कर लिया। वह सोशल साइट पर युवाओं को भड़का कर आईएस में शामिल करता था। जमील 13 साल से दुबई में रह रहा है और उसका परिवार मुंबई में रहता है। वह दुबई की एक कंपनी में असिसटेंट फाइनेंस मैनेजर है। वर्ष 2014 में जमील का फेसबुक के जरिये इराक सीरिया के कुछ आतंकियों से संपर्क हुआ।
एटीएस के हत्थे चढ़े फतेहपुर के जमील अहमद का जन्म 40 साल पहले कुवैत में हुआ था। उसके माता-पिता वहीं रहते थे और उसकी प्राथमिक शिक्षा भी वहीं हुई। इराक-कुवैत युद्ध के दरान उसका परिवार फतेहपुर लौटा। इंडिया न्यूज की पड़ताल में सामने आया है कि जमील करीब 13 साल पहले दुबई चला गया। वहां वह एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में जॉब करता था। इस दौरान उसका संपर्क कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के आतंकियों से हुआ। वह आईएसआईएस के लिए फाइनेंस का काम संभालता था। लेबनान और तुर्की सहित कई देशों में आईएसआईएस के आतंकियों को उसने 20 से भी ज्यादा बार रुपए भिजवाए। जमील ने इग्नू से ग्रेजुएशन की और सीकर फतेहपुर से कंप्यूटर की बेसिक जानकारी ली। वह शुरू से ही तेज-तर्रार था।
जानकारी के अनुसार जमील का ससुराल भी फतेहपुर में है, लेकिन ससुराल के लोग महाराष्ट्र के धानू में रहते हैं। जमील की बीवी और चार बच्चे भी वहीं रहते हैं। जमील का ननिहाल भी फतेहपुर में ही है। बताया जा रहा है कि वह अपने बेटे-बेटियों का पासपोर्ट बनवाने के सिलसिले में ही 15 दिन पहले धानू से फतेहपुर आया था। जमील को जानने वालों का कहना है कि वह कभी-कभार ही फतेहपुर आता है। इस दौरान भी वह ज्यादा लोगों से मेलजोल नहीं रखता।
स्थानीय लोगोें का कहना है कि जमील ऐसा लगता नहीं था, वह लोगों के बीच कम ही उठता बैठता था।
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